जब हम बात करते हैं, तो हम शब्दों का प्रयोग करते हैं ताकि हम वस्तुओं, व्यक्तियों, स्थानों, भावनाओं और विचारों के बारे में अच्छे से बात कर सकें। इस प्रक्रिया में, हम अक्सर एक प्रमुख शब्द का उपयोग करते हैं, जिसे 'संज्ञा (Sangya)' कहा जाता है।
तो दोस्तों, आज के इस पोस्ट में देखेंगे कि संज्ञा किसे कहते है (Sangya Kise Kahate Hain), इसकी परिभाषा, भेद, 100 उदाहरण, और भेद की परिभाषाएं व उदाहरण। अतः संज्ञा की पूरी जानकारी के लिए, इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
संज्ञा (Sangya) किसे कहते हैं? |
संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya Kise Kahate Hain)
संज्ञा की परिभाषा (Sangya Definition in Hindi): वैसे शब्द होता है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भावना, गुण, विचार, दिन, महीना, वर्ष जैसी चीजों को नाम देने के लिए प्रयोग किया जाता है, उसे संज्ञा कहते है।
इसका उपयोग बोलचाल भाषा, लेखन, पढ़ाई, व्याकरण और संवाद में होता है। संज्ञा हमें चीजों को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करने में मदद करती है, और इसके के माध्यम से हम चीजों के बारे में बात कर सकते हैं।
संज्ञात्मक शब्द या संज्ञा शब्द (Sangya Shabd)
संज्ञा को दर्शाने वाले शब्दों को संज्ञा शब्द कहते है। संज्ञात्मक शब्द द्वारा हम व्यक्तियों के बारे में बात कर सकते हैं, जैसे उनका नाम, उनकी पहचान, उनकी स्थिति आदि। यह हमें बातचीत में संज्ञा शब्दों का प्रयोग करने में मदद करता है, जिससे हम अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि हम किस व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, "बालक", "बालिका", "मित्र", "पुस्तक", "गाड़ी", "शुभकामनाएं" और "स्वतंत्रता" संज्ञात्मक शब्द हैं। ये हमें इस बात का बोध कराते हैं कि जब हम इन शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो हम किस प्रकार की वस्तु, भावना या अवस्था के बारे में बात कर रहे हैं।
संज्ञा भाषा का महत्वपूर्ण तत्व है, जो हमें व्यापक संवाद करने में मदद करता है और हमारे विचारों और धारणाओं को अभिव्यक्त करने में सहायता प्रदान करता है।
संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udaharan)
जब हम संज्ञा के उदाहरण की बात करते हैं, तो निम्नलिखित कुछ उदाहरण संज्ञाओं का उल्लेख कर सकते हैं:
1. बालक - शब्द "बालक" एक संज्ञा है जो एक छोटे लड़के को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "राहुल एक मासूम बालक है।"
2. पुस्तक - शब्द "पुस्तक" एक संज्ञा है जो किसी लिखित वस्तु को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "मेरी पुस्तक में दर्शकों को एक रोमांचक कहानी का अनुभव कराता है।"
3. सूरज - शब्द "सूरज" एक संज्ञा है जो हमें हमारे सौरमंडल में स्थित एक तारा को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "सूरज पृथ्वी के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऊर्जा का स्रोत है।"
4. मित्र - शब्द "मित्र" एक संज्ञा है जो हमें एक प्रिय संबंध या दोस्त को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "रिया और मोहन एक-दूसरे के अच्छे मित्र हैं और हर मुसीबत में एक दूसरे का साथ देते हैं।"
5. गाड़ी - शब्द "गाड़ी" एक संज्ञा है जो पहियों वाली यानि वाहन को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "रवि अपनी लाल रंग की गाड़ी में यात्रा करता है।"
ये उदाहरण संज्ञाओं का उल्लेख करते हैं और इस तरह के संज्ञात्मक शब्द हमें चीजों या व्यक्तियों को संकेतित करने में मदद करते हैं।
संज्ञा के भेद (Sangya ke bhed)
अर्थ के विचार से संज्ञा के पांच भेद माने जाते है:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyaktivachak Sangya)
- जातिवाचक संज्ञा (Jaativachak Sangya)
- भाववाचक संज्ञा (Bhavavachak Sangya)
- समूहवाचक संज्ञा (Samuhvachak Sangya)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravyavachak Sangya)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है (Vyaktivachak Sangya Kise Kahte hai)
जिस संज्ञा शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति, वस्तु, दिन, महीना या स्थान का बोध हो, उसे व्यक्तिवचक संज्ञा (Vyaktivachak Sangya) कहते है।
जैसे, 'राम' किसी खास व्यक्ति का नाम है, यह सभी का नाम नहीं हो सकता है। वैसे ही 'दिल्ली' किसी खास स्थान का नाम है, यह पूरी दुनिया का नाम नहीं हो सकता है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा हमेशा एक वचन में ही हो सकता है। यह बहुवचन नहीं हो सकता है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के कुछ अन्य उदाहरण
- शीला
- हिमालय
- गंगा
- रविवार
- गणतंत्र दिवस
- जनवरी
- रामनवमी
- वैशाख
- वाराणसी
- कृष्ण
2. जातिवाचक संज्ञा किस कहते है? (Jaativachak Sangya Kise Kahate Hai)
जिस संज्ञा शब्द से किसी वर्ग के सभी प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों को बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा (Jaativachak sangya) कहते है।
जैसे - मनुष्य, गाय, शहर, नदी, पुस्तक, मेज़, पहाड़, महीना, दिन, महासागर, ग्रह, आदि।
भालू, हिरण, चिता, कुत्ता, शेर, गाय, ऊंट, हाथी और खरगोश सभी अलग-अलग जानवर हैं, लेकिन इन सभी को एक जाति "जानवर" से संबोधित किया जा सकता है। यहाँ जानवर शब्द किसी एक विशेष जानवर के बारे में न बताकर संपूर्ण जाति का बोध कर रहा है। इसलिए “जानवर” एक जातिवाचक संज्ञा है। इसी प्रकार शहर, बालक, गाँव आदि जातिवाचक संज्ञा है।
इसीप्रकार, जनवरी, फरवरी, अगस्त, आदि महीने के नाम है, लेकिन जब हम कहते है "महीना", तब यह किसी एक खास महीना को न संबोधित कर संपूर्णता का बोध कराता है, इसलिए "महीना" शब्द जातिवाचक संज्ञा का एक उदाहरण है।
3. भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं (Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hai)
जिस संज्ञा शब्द से किसी भाव, गुण, दशा, अवस्था, व्यापार आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहते हैं।
जैसे: सत्य, दया, ठंडी, बचपन, क्रोध, प्रसन्नता, प्रेम, आश्चर्य, लालच, जवानी आदि।
भाववाचक संज्ञा सदैव एकवचन में ही प्रयुक्त होता है, इसका बहुवचन जातिवाचक संज्ञा बन जाता है। जैसे - दूरी – दूरियाँ, चोरी – चोरियाँ, बचपन - बचपनों आदि। भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण किसी जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया या अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जुड़ने से हो सकता है।
4. समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ( Samuhvachak Sangya Kise Kahate Hai)
वैसे शब्द जो किसी समूह या समुदाय विशेष की स्थिति का बोध करता है उसे समूहवाचक संज्ञा या समुदाय वाचक संज्ञा (Samuh vachak Sangya) कहते हैं। जैसे - परिवार, सभा, कक्षा, संसद, भीड़, दल, सेना, मेला, सेना, पुलिस आदि। यहाँ सभी शब्द एक समूह का बोध करते हैं। अतः परिवार, सभा, कक्षा, संसद, भीड़, दल, सेना, मेला, सेना, पुलिस आदि समूहवाचक संज्ञाएं हैं।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं (DravyaVachak Sangya Kise Kahate Hai)
किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु तथा अधातु का बोध वाले शब्द को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। इन वस्तुओं को नापा या तौला जा सकता है।
- ठोस अवस्था – मिट्टी, कोयला, सोना, चाँदी, लोहा, आदि शब्द अलग-अलग ठोस वस्तुओं को दर्शाते हैं। अतः मिट्टी, कोयला, सोना, चाँदी, लोहा, द्रव्यवाचक संज्ञा है।
- द्रव अवस्था – शहद, पानी, दूध, तेल आदि शब्द द्रव को दर्शाते हैं।
- गैस अवस्था – ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन आदि।
गणनीय संज्ञा और अगणनीय संज्ञा (Gananiy Sangya aur Agananiy Sangya)
गणनीय संज्ञा (Gananiy Sangya)
वैसे संज्ञा शब्द, जिसका बहुवचन रूप बन सकता है, उन्हें हम गिन सकते हैं और उनके पहले संख्यवाचक शब्दों का प्रयोग कर सकते है। जैसे एक लड़का, दो लड़के, अनेक लड़के, दस पुस्तकें, आदि। ऐसे संज्ञा को "गणनीय संज्ञा" कहते है।
अगणनीय संज्ञा (Agananiy Sangya)
अगणनीय संज्ञा वे संज्ञाएं होती हैं, जो गणनीय नहीं होती हैं, अर्थात् उन्हें अलग अलग इकाई में गिना नहीं जा सकता है। इन संज्ञाओं को अगणनीय संज्ञा कहते है। और उन्हें संख्या के साथ प्रयोग नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए - पानी, ज्ञान, सूक्ष्मजीव, तेल, आटा आदि। इन संज्ञाओं के बहुवचन रूप नहीं होते हैं और न ही उनके साथ संख्या शब्द प्रयोग होते हैं।
वाक्य में संज्ञा शब्दों को कैसे पहचानें (Vakya Mein Sangya Shabd ko Kaise Pahchane)
वाक्य में संज्ञा शब्दों को पहचानने के लिए आप निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं:
1. वस्तु के नाम: संज्ञा शब्द वस्तुओं के नाम को संबोधित करते हैं। जब आप एक व्यक्ति, जीव, स्थान, वस्तु या विचार के नाम का प्रयोग कर रहे होते हैं, तो वे संज्ञा शब्द होते हैं। उदाहरण के लिए, राम, किताब, हरिद्वार, देवघर, आदि।
2. संख्या के साथ प्रयोग: गणनीय संज्ञाएं विभिन्न संख्याओं के साथ प्रयोग की जाती हैं। जब आप कहते हैं कि "दो कुत्ते हैं" या "पांच लड़के खेल रहे हैं", तो "कुत्ते" और "लड़के" संज्ञाएं हैं।
3. संज्ञा शब्द के बाद परसर्ग (ने, को, से, के लिए, में, पर आदि) आ सकते हैं। जैसे मोहन ने, श्याम को, चाकू से, दिल्ली में, ऊंचाई पर।
4. संज्ञा शब्द के पहले विशेषण का प्रयोग हो सकता है। जैसे छोटी मेज़, मेरा भाई, अच्छा लड़का आदि में संज्ञा शब्दों के पहले क्रमशः छोटी, मेरा, अच्छा, विशेषण शब्द आए हैं।
5. परसर्ग या विशेषण ना होने पर भी संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम के कारण भी पहचाना जा सकता है। जैसे -
- मोहन जाता है।
- गायत्री फल खाती है।
- यहाँ से ताजमहल दो किलोमीटर दूर है।
- सोहन सो रहा है।
संज्ञा के 100 उदाहरण (Sangya ke 100 Udaharan)
Column 1 | Column 2 |
---|---|
राम | मोहन |
दिल्ली | ताजमहल |
अयोध्या | वाराणसी |
भारत | सोमवार |
जनवरी | रोहित |
टोमी | हिमालय |
कैलाश | मंगलवार |
अगस्त | गंगा |
सुभा | आदमी |
औरत | बच्चा |
लड़का | लड़की |
जवान | बूढ़ा |
युवक | किशोर |
विद्यार्थी | कर्मचारी |
नेता | साधु |
जानवर | पशु |
पक्षी | मछली |
सरीसृप | उभयचर |
कीट | स्तनधारी |
पेड़ | पौधा |
फूल | फल |
सब्जी | अनाज |
दाल | बीज |
वस्तु | शहर |
गांव | देश |
महाद्वीप | समुद्र |
नदी | पहाड़ |
तालाब | द्वीप |
दिन | रात |
सप्ताह | महीना |
साल | शताब्दी |
प्यार | दुःख |
आश्चर्य | शोक |
उत्साह | भय |
घृणा | सम्मान |
संतोष | आकुलता |
विश्वास | द्वेष |
निराशा | भ्रम |
अभिमान | उदारता |
अभिभावक | उन्माद |
अधिकार | आनंद |
खुशी | उदारता |
समझ | नफरत |
आशा | भ्रष्टाचार |
अविश्वास | उद्दीपन |
विश्वास | सफलता |
अवहेलना | सम्मोहन |
दुश्मनी | संवेदनशीलता |
अभाव | उद्देश्य |
शिक्षा | समर्थन |
अपमान | शांति |
भीड़ | समूह |
मेला | स्कूल |
परिवार | आर्मी |
ग्रुप | समिति |
पार्क | बाजार |
कक्षा | मंडली |
कोर्ट | संगठन |
सभा | शिविर |
युद्धभूमि | संघ |
गुरुकुल | टोली |
यात्रीगण | दल |
पार्टी | ग्रामसभा |
चिड़ियाघर | मंच |
रैली | सिनेमाघर |
राजनीतिक दल | युवा संघ |
समुदाय | बैंड |
एजेंडा | संकलन |
गठरी | टोकरी |
सोना | चाँदी |
पानी | घी |
गेहूं | लोहा |
मिट्टी | आटा |
धान | दाल |
संज्ञा से सम्बंधित प्रश्न (FAQs)
1. संज्ञा किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जो किसी व्यक्ति स्थान वस्तु विचार या भाव का बोध कराते हैं, उन्हें संज्ञा कहते हैं। जैसे लड़का, घोड़ा, संजय, आगरा, मुंबई, बुढ़ापा, बचपन आदि।
2. संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
संज्ञा के पांच भेद होते है: व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा। इनके उदाहरण: राम, जानवर, प्रेम, भीड़ और पानी।
3. संज्ञा के कुछ उदाहरण क्या है?
संज्ञा के कुछ उदाहरण: लड़का, राजा, मालिक, मिठास, ठंडी, पानी, मेला, दिल्ली, गंगा, आदि।
4. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या हैं?
जिस संज्ञा शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु, दिन या महीना आदि का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं जैसे राजन, शीला, हिमालय, जनवरी, रामनवमी आदि।
5. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जिस संज्ञा शब्द से किसी वर्ग के सभी प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों को बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे - मनुष्य, गाय, शहर, नदी, पुस्तक, मेज़, पहाड़, महीना, दिन, महासागर, ग्रह, आदि।
समापन
संज्ञा (Sangya) हिंदी भाषा और व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, जानवर, या स्थान के नाम को कहते है. इसके पांच भेद हैं. आज के इस लेख में हमने देखा कि संज्ञा किसे कहते है (Sangya Kise Kahate Hain), इसकी परिभाषा, भेद और 100 उदाहरण. आशा करते हैं कि इससे आपको कुछ नया सिखने को मिला. इस लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करना न भूलें. इस लेख को अंत तक पढने के धन्यवाद...