दीर्घ संधि के 100+ उदाहरण PDF (Dirgh Sandhi Ke Udaharan)

जब अकार या आकार के बाद अकार या आकार आता है तो उन दोनों के बदले दीर्घ आ हो जाता है, इसे ही दीर्घ संधि कहते हैं।

संधि व्याकरण में एक महत्वपूर्ण विषय है, ये शब्दों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं। संधि दो वर्णों के मेल से पैदा होने वाले विकार को कहा जाता है। संधि के तीन भेद: स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि हैं। और स्वर संधि के पांच भेद हैं, जिनमें से दीर्घ संधि भी एक भेद हैं।

दीर्घ संधि के तीन नियम निम्नलिखित हैं:

1. जब अकार या आकार के बाद अकार या आकार आता है तो उन दोनों के बदले दीर्घ आ हो जाता है, इसे ही दीर्घ संधि कहते हैं।

  • अ + अ = आ
  • अ + आ = आ
  • आ + अ = आ
  • आ + आ = आ 

उदाहरण: 

(i) हिम + अचल = हिमाचल - इस उदाहरण में हिम के अंत में और अचल के शुरू में आया है, इसलिए हिमाचल में यह बन गया।

(ii) रत्न + आकर = रत्नाकर - इस उदाहरण में रत्न के अंत में  और आकर के शुरू में  आया है, इसलिए रत्नाकर में यह  बन गया।

(iii) विद्या + अर्थी = विद्यार्थी - इस उदाहरण में विद्या के अंत में आ और अर्थी के शुरू में  आया है, इसलिए विद्यार्थी में यह  बन गया।

(iv) विद्या + आलय = विद्यालय - इस उदाहरण में विद्या के अंत में आ और आलय के शुरू में आ आया है, इसलिए विद्यालय में यह  बन गया।

2. दीर्घ संधि के दूसरे नियम में, इ या ई के बाद इ या ई आता है तो उसे दीर्घ  में बदल दिया जाता है।

  • इ + इ = ई (जैसे - गिरि + इंद्र = गिरिंद्र)
  • इ + ई = ई (जैसे - गिरि + ईश = गिरीश)
  • ई + इ = ई (जैसे - मही + इंद्र = महींद्र)
  • ई + ई = ई (जैसे - मही + ईश्वर = महीश्वर )

3. दीर्घ संधि के तीसरे नियम में, उ या ऊ के बाद उ या ऊ  आता है तो उसे दीर्घ  में बदल दिया जाता है।

  • उ + उ = ऊ (जैसे - विधु + उदय = विधूदय)
  • उ + ऊ = ऊ (जैसे - लघु + ऊर्मी = लघूर्मी)
  • ऊ + उ = ऊ (जैसे - वधू + उत्सव = वधूत्सव)
  • ऊ + ऊ = ऊ (जैसे - भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व)

आशा करते हैं कि इन तीनों नियमों और कुछ उदाहरणों से आपने दीर्घ संधि को अच्छे से समझ लिया हैं। चलिए अब दीर्घ संधि के 100 उदाहरण देखते हैं और इसे बेहतर तरीके से समझने का प्रयास करते हैं।

दीर्घ संधि के 100+ उदाहरण

दीर्घ संधि के 100+ उदाहरण PDF (Dirgh Sandhi Ke Udaharan)
दीर्घ संधि के 100+ उदाहरण PDF (Dirgh Sandhi Ke Udaharan)

संधि विच्छेद संधि शब्द
धर्म + अर्थ धर्मार्थ
स्व + अर्थी स्वार्थी
मत + अनुसार मतानुसार
धर्म + अर्थ धर्मार्थ
स्व + अर्थी स्वार्थी
मत + अनुसार मतानुसार
देव + अर्चन देवार्चन
मत + अनुसार मतानुसार
वेद + अंत वेदांत
परम + अर्थ परमार्थ
धर्म + अधर्म धर्माधर्म
देव + आलय देवालय
देव + आगमन देवागमन
नव + आगत नवागत
सत्य + आग्रह सत्याग्रह
गज + आनन गजानन
हिम + आलय हिमालय
शिव + आलय शिवालय
परम + आनंद परमानंद
धर्म + आत्मा धर्मात्मा
रत्न + आकर रत्नाकर
अन्न + अभाव अन्नाभाव
सत्य + अर्थ सत्यार्थ
विद्या + आलय विद्यालय
महा + आनंद महानंद
महा + आत्मा महात्मा
वार्ता + आलाप वार्तालाप
कारा + आवास कारावास
सीमा + अंत सीमांत
रेखा + अंश रेखांश
परीक्षा + अर्थी परीक्षार्थी
दिशा + अंतर दिशांतर
शिक्षा + अर्थी शिक्षार्थी
विद्या + अर्थी विद्यार्थी
दीक्षा + अंत दीक्षांत
यथा + अर्थ यथार्थ
रेखा + अंकित रेखांकित
सेवा + अर्थ सेवार्थ
दया + आनंद दयानन्द
श्रद्धा + आनंद श्रद्धानन्द
दया + आनंद दयानन्द
परि + ईक्षा परीक्षा
हरि + ईश हरीश
कवि + इंद्र कवीन्द्र
कपि + इंद्र कपींद्र
मुनि + इंद्र मुनींद्र
अति + इव अतीव
रवि + इंद्र रवींद्र
अभि + इष्ट अभीष्ट
मुनि + इंद्र मुनींद्र

दीर्घ संधि के अन्य 50 उदाहरण


संधि विच्छेद संधि शब्द
गिरि + ईश गिरीश
मुनि + ईश्वर मुनीश्वर
कवि + ईश कवीश
योगी + ईश्वर योगीश्वर
नारी + ईश्वर नारीश्वर
रजनी + ईश रजनीश
जानकी + ईश जानकीश
नदी + ईश नदीश
वंश + अनुक्रम वंशानुक्रम
विरह + अनल विरहानल
श्लेष + अलंकार श्लेषालंकार
स्व + अंगीकरण स्वांगीकरण
स + अपेक्ष सापेक्ष
स्वत्व + अधिकार स्वत्वाधिकार
स + अवधि सावधि
हुत + अशन हुताशन
अप + अंग अपांग
आग्नेय + अस्त्र आग्नेयास्त्र
उप + अध्याय उपाध्याय
ऊर्ध्व + अधर ऊर्ध्वाधर
क्रम + अंक क्रमांक
क्षीर + अब्धि क्षीराब्दि
कास + अमृत कासामृत
सती + ईश सतीश
नारी + ईश्वर नारीश्वर
लक्ष्मी + ईश लक्ष्मीश
योगी + इंद्र योगीन्द्र
शची + इंद्र शचींद्र
मही + इंद्र महींद्र
लक्ष्मी + इच्छा लक्ष्मीच्छा
पत्नी + इच्छा पत्नीच्छा
नारी + इंदु नारीन्दु
गिरि + इंद्र गिरीन्द्र
विधु + उदय विधूदय
भानु + उदय भानूदय
गुरु + उपदेश गुरूपदेश
लघु + उत्तर लघूत्तर
सु + उक्ति सूक्ति
अनु + उदित अनूदित
सिंधु + ऊर्मि सिंधूर्मि
साधु + ऊर्जा साधूर्जा
लघु + ऊर्मि लघूर्मि
धातु + ऊष्मा धातूष्मा
साधु + ऊर्जा साधूर्जा
मधु + ऊष्मा माधूष्मा
सिंधु + ऊर्मि सिंधूर्मि
अम्बु + ऊर्मि अम्बूर्मी
मधु + ऊष्मा माधूष्मा
वधू + ऊर्मि वधू्र्मि
सरयू + ऊर्मि सरयूर्मि
भू + ऊष्मा भूष्मा
भू + ऊर्जा भूर्जा
भू + उर्ध्व भूर्ध्व
भू + उत्सर्ग भूत्सर्ग
भू + उद्धार भूद्धार
वधू + उत्सव वधूत्सव
वधू + उपकार वधूपकार
सरयू + उल्लास सरयूल्लास

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6 comments

  1. Yes
  2. Thanks for your PDF
  3. Thanks
  4. Good class of
  5. (गिरि+इंद्र)-गिरीन्दृ
  6. (गिरि+इंद्र)-गिरीन्दृ
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