उपमा अलंकार दो वस्तुओं के बीच समानता स्थापित करने वाला अलंकार है। जब किसी वस्तु की तुलना किसी दूसरी वस्तु से की जाती है, और यह बताया जाता है कि वह पहली वस्तु दूसरी वस्तु की तरह ही है, तो यह उपमा अलंकार होता है। इस अलंकार का उपयोग हिंदी कविता और पद्यरचना में किया जाता है और उसे समृद्ध करता है।
उदाहरण के लिए, "उसके बाल काले बादल की तरह हैं." इस वाक्य में, बालों की तुलना काले बादल से की गई है, और यह बताया गया है कि वे काले बादल की तरह ही हैं. यहाँ, बाल उपमेय हैं, काला बादल उपमान हैं, और "सा" वाचक शब्द है।
पिछले लेख में हमने यमक अलंकार पर चर्चा किया था। इस लेख में हम उपमा अलंकार के उदाहरण द्वारा इसको गहराई से समझने का प्रयास करेंगे।
उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं
उपमा अलंकार को जानने से पहले यह जान लेते है कि उपमा अलंकार के चार अंग कौन कौन से होते हैं। उपमा अलंकार के चार अंग निम्नलिखित होते हैं:-
- उपमेय: जिस वस्तु की तुलना की जाती है उसे उपमेय कहते हैं।
- उपमान: जिस वस्तु से तुलना की जाती है उसे उपमान कहते हैं।
- साधारण धर्म: उपमेय और उपमान में समानता का गुण होता है जिसे साधारण धर्म कहते हैं।
- वाचक शब्द: उपमेय और उपमान में समानता को दर्शाने वाला शब्द होता है जिसे वाचक शब्द कहते हैं।
उपमा अलंकार के 10+ उदाहरण
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उपमा अलंकार के 10 उदाहरण - Upma Alankar ke Udaharan |
उपमा अलंकार के उदाहरण (स्पष्टीकरण के साथ)
उसका मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है। (उपमेय = मुख, उपमान = चन्द्रमा, साधारण धर्म = सुंदरता, वाचक शब्द = सा)
केश घने वृक्ष-सदृश हैं। (उपमेय = केश, उपमान = वृक्ष, साधारण धर्म = घनत्व, वाचक शब्द = सदृश)
नयन कमल-सदृश हैं। (उपमेय = नयन, उपमान = कमल, साधारण धर्म = सुंदरता, वाचक शब्द = सदृश)
उपमा अलंकार के 10 उदाहरण
उपमा अलंकार के 10 उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ निम्नलिखित हैं, ये आपको उपमा अलंकार को समझने में मदद करेंगे।
1. मुख चंद्रमा-सा सुंदर है।
उपमेय: मुख
उपमान: चंद्रमा
साधारण धर्म: सुंदरता
वाचक शब्द: सा
2. केश घने हैं, साँझी रात के समान।
उपमेय: केश (बाल)
उपमान: साँझी रात
साधारण धर्म: घनत्व (गहराई)
वाचक शब्द: समान
3. आँखें नीली हैं, आकाश के समान।
उपमेय: आँखें
उपमान: आकाश
साधारण धर्म: नीली (भावना का अभिव्यक्ति)
वाचक शब्द: के समान
4. हृदय सोने के ताबीज के समान है।
उपमेय: हृदय (दिल)
उपमान: सोने का ताबीज (गहना)
साधारण धर्म: मूल्य (कीमती)
वाचक शब्द: के समान
5. वस्त्र रेशम के समान कोमल हैं।
उपमेय: वस्त्र (कपड़ा)
उपमान: रेशम (सिल्क)
साधारण धर्म: कोमलता (नरमी)
वाचक शब्द: के समान
6. वर्ण चंदन के समान हैं।
उपमेय: वर्ण (रंग)
उपमान: चंदन (सुगंधित)
साधारण धर्म: सुगंध (दुर्गंध से रहित)
वाचक शब्द: के समान
7. स्वर मोरनी के समान हैं।
उपमेय: स्वर (ध्वनि)
उपमान: मोरनी (पक्षी का गायन)
साधारण धर्म: सुंदरता (मनोहर)
वाचक शब्द: के समान
8. गति वज्र के समान है।
उपमेय: गति (तेजी)
उपमान: वज्र (धातुओं का तेजी से काम करने वाला)
साधारण धर्म: तेज (तीव्रता)
वाचक शब्द: के समान
9. बल सिंह के समान है।
उपमेय: बल (शक्ति)
उपमान: सिंह (शेर)
साधारण धर्म: महाशक्तिशाली
वाचक शब्द: के समान
10. बुद्धि गरुड़ के समान है।
उपमेय: बुद्धि (बुद्धि का विकास)
उपमान: गरुड़ (वाहन - चिड़िया)
साधारण धर्म: तेजस्वी (तेजस्वी)
वाचक शब्द: के समान
उपरोक्त उदाहरण उपमा अलंकार के अर्थ और प्रयोग को स्पष्ट करते हैं। यह अलंकार हिंदी साहित्य में भाषा को समृद्ध और रसभरा बनाने में मदद करता है और कविता और पद्यरचना को सुंदरता से सजाता है।
निष्कर्ष
उपमा अलंकार एक महत्वपूर्ण अलंकार है जो हिंदी कविता और पद्यरचना में उपयोग किया जाता है। इसके माध्यम से वस्तुओं के बीच समानता का अभिवादन किया जाता है और रचना को सुंदर और रसभरा बनाने में मदद किया जाता है। यह अलंकार शब्दों को सजाने और भावों को सहजता से प्रकट करने में सक्षम होता है। हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवियों ने उपमा अलंकार का उपयोग अपनी रचनाओं में किया है और इससे कविता का सौंदर्य और मानोदर्पण बढ़ाया है।
इस लेख में हमने उपमा अलंकार के उदाहरण (Upma Alankar ke Udaharan) द्वारा इसे बेहतर तरीके से समझने का प्रयास किया। आशा करते है यह लेख आपको पसंद आया। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। धन्यवाद...
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