Visarg Wale Shabd | Aha ki Matra Wale Shabd: क्या आप जानते हैं कि हिंदी व्याकरण में "अः की मात्रा/विसर्ग वाले शब्द व वाक्य" का क्या महत्व होता है? यदि आप हिंदी भाषा को सिख रहे हैं या आपको हिंदी व्याकरण में रुचि है, तो यह लेख "100+ अः की मात्रा वाले शब्द व वाक्य (Visarg Wale Shabd, Aha ki Matra Wale Shabd)" आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
"अः की मात्रा/विसर्ग" एक छोटी सी मात्रा है जो हिंदी भाषा में प्रयुक्त होती है। यह विसर्ग वाले शब्दों और वाक्यों को अनुकरण करने के लिए प्रयोग में आता है। इस ब्लॉग में, हम अधिकांश अंशों पर विचार करेंगे, जैसे कि अः की मात्रा वाले शब्द कैसे बनते हैं, इसका उपयोग कैसे किया जाता है, अः की मात्रा वाले शब्द जोड़ के रूप में कैसे लिखें, विसर्ग के साथ शब्द और वाक्य की पहचान कैसे करें, और इसके साथ प्रैक्टिस कैसे करें।
हमारी इस यात्रा में, हम आपको उदाहरणों, और अभ्यास के माध्यम से आपकी सहायता करेंगे, ताकि आप Visarg Wale Shabd को समझ सकें और उसका सही इस्तेमाल कर सकें।
इस ब्लॉग को पढ़कर, आप अपने हिंदी व्याकरण को मजबूत कर सकते हैं और अपने भाषा के प्रयोग में विसर्ग को सही ढंग से शामिल कर सकते हैं। इस ब्लॉग सीरीज में हमारा लक्ष्य है कि आप आसानी से अः की मात्रा वाले शब्द का इस्तेमाल कर पाएं और अपनी हिंदी भाषा का विस्तार करें।
तो चलिए, इस रोमांचक और मजेदार यात्रा में शामिल हों और एक सुंदर भाषा का अनुभव करें जहां हम सीखेंगे कि कैसे हम विसर्ग की मात्रा के साथ शब्दों और वाक्यों का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं।
आपका स्वागत है!
अः की मात्रा वाले शब्द व वाक्य |
अः की मात्रा वाले शब्द कैसे बनते हैं?
अः की मात्रा वाले शब्द बनाने के लिए हम किसी विसर्ग वाले शब्द के आखिर में "अः" का इस्तेमाल करते हैं। विसर्ग वाले शब्द वे होते हैं जिनमें संयुक्त व्यंजन का आखिरी अक्षर "ह" होता है। इसके बाद, हम उस "ह" को " ः" मात्रा के साथ बदल देते हैं।
इसके एक उदाहरण के रूप में, यदि हम "राम" शब्द का अंतिम अक्षर "ह" को " ः" के साथ बदल देते हैं, तो हम "रामः" शब्द प्राप्त करते हैं। इसी तरह, हम "गोल" को "गोलः", "पढ़" को "पढ़ः", और "खेल" को "खेलः" आदि बना सकते हैं।
अः की मात्रा वाले शब्द विसर्ग वाले शब्दों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसे उपयोग करके हम व्याकरण में सही ढंग से शब्दों और वाक्यों का उपयोग कर सकते हैं और हिंदी भाषा को समृद्ध और सुंदर बना सकते हैं।
अः की मात्रा वाले शब्द जोड़ के रूप में
- भ + र + ः = भर:
- प + ु + न + ः = पुन:
- ज + न + ः = जनः
- अ + त + ः = अतः
- म + ू + ल + त + ः = मूलतः
- न + र + ः = नर:
- य + ज्ञ + ः = यज्ञ:
- त + प + ः = तप:
- क + ल + श + ः = कलश:
- ग + ज + ः = गज:
- प्र + ा+ य + ः = प्राय:
- स + र + ः = सर:
- ध + न + ः = धन:
- प + थ + ः = पथ:
- ध + न + ि + ः = धनि:
- स + त + ः = सत:
- म + ध + ः = मधु:
- प + त + ि + ः = पति:
- व + त + ः = वत:
- र + म + ः = रम:
100 अः की मात्रा वाले शब्द (Visarg Wale Shabd)
विसर्ग वाले शब्द |
विसर्ग वाले शब्द
अतः | नमः | प्रायः |
---|---|---|
दुःख | पुनः | स्वतः |
प्रातः | एकः | तपः |
वनः | फलः | बलः |
गजः | हलः | लोकः |
जलः | ग्रामः | भागः |
मित्रः | बालः | तलः |
थलः | भुवः | मूलः |
लघुः | रतिः | छात्रः |
छात्राः | वस्त्रः | भागः |
श्वानः | लाभः | अंततः |
मूलतः | प्रणाम: | बलम: |
रजत: | शंकर: | विरामः |
भवतः | विशेषः | हसत: |
भुवनः | सड़क: | निर्भयः |
कलश: | युवक: | वानर: |
नृतयः | क्षत्रिय: | रक्षतः |
पाठकः | लक्ष्मी: | क्रमशः |
कर्मणः | कलः | कलश: |
गणः | गज: | गमः |
गलः | धनः | चल: |
चरत: | चट: | छात्र: |
छः | जग: | जना: |
जन: | जग: | झट: |
ठग: | तप: | थक: |
दुःशासन | दुःसाहस | दुःख |
दुःस्वप्न | दूत: | दूर: |
धुन: | धूप: | धृति: |
निःशुल्क | निःशब्द | निःसहाय |
Aha ki Matra Wale Shabd (Visarg Wale Shabd)
निःशेष | निःसंकोच | नम: |
निःस्वार्थ | नि:संतान | प्रातःकाल |
पुन: | पूर्णा:वती | प्रात: |
प्राय: | प्रणाम: | फलत: |
बालिकाः | बाल: | बलम: |
भूर्भुवः | भवतः | भाग: |
मूलत: | मुख्यतः | मनोहर: |
मित्र: | मात: | मिलाप: |
यज्ञ: | युवक: | रजत: |
राजे: | राजन: | राघव: |
लाभ: | लक्ष्मी: | लोका: |
वानर: | वन: | विजयः |
विशेषत: | वन: | वजह: |
मिलामः | शतशः | शुभाशयाः |
शंकर: | शक्तिः | शुभेच्छा: |
शनै: | संभवतः | निःसंकोच |
सामान्यतः | सुयशः | सुशान्ताः |
सायंकालः | शासक: | सड़क: |
हल: | हसत: | क्षत्रिय: |
क्षमा: | ज्ञान: | ज्ञात: |
अधःपतन | अंततः | अंशतः |
अंतःकरण | इश्वरः | स्वः |
नृतयः | द: सासन | धृति: |
कुत: | धृति: | कुत: |
शंकर: | नमस्कारः | मात: |
ईश्वरः | स्वतःला | सामान्यत: |
श्वानः | भुवः | थलः |
वस्त्रः | लघुः | ग्रामः |
निर्भयः | निःशक्त | भुवनः |
एलेक्षः | विभक्तिः | पादपः |
विरामः | पाठकः | गतः |
रक्षतः | भूर्भुवः | घाटः |
निःसन्तान | निःसंदेह | अन्तःरण |
सुन्दरतमः |
अः की मात्रा वाले वाक्य (Visarg/aha Wale Vakya)
अः की मात्रा वाले शब्दों को जोड़कर वाक्य बनाने का तरीका भी सरल है। हम उन शब्दों को वाक्य में एक साथ रखकर उन्हें संयुक्त कर सकते हैं। इससे हमारे वाक्य में सुंदर और प्रभावशाली अंतर्द्वन्द्व बनते हैं।
यहां कुछ सरल वाक्य हैं जो विसर्ग वाले शब्दों से बनाए गए हैं:
- दुःख के बाद पुनः खुशी आती है।
- स्वतः सही रास्ते पर चलना सीख जाओगे।
- प्रातः में जल्दी उठना फायदेमंद होता है।
- एकः लड़का खेल रहा है।
- तपः से तपस्या सफल होती है।
- वनः में विभिन्न प्रकार के पेड़ होते हैं।
- फलः खाने से सेहत बनी रहती है।
- बलः स्वस्थ शरीर का आधार होता है।
- गजः वन में दिखाई देते हैं।
- लोकः में लोगों का बसेरा होता है।
- जलः धरती का महत्वपूर्ण तत्व है।
- ग्रामः में खुशहाली का माहौल होता है।
- भागः बढ़ाने के लिए मेहनत करो।
इस तरह से हम अः की मात्रा वाले शब्दों को उपयोग करके वाक्यों में विविधता और रंग भर सकते हैं। इससे हिंदी भाषा का प्रयोग आकर्षक और सुंदर बनता है और हमारे वाक्यों को मजबूती और प्रभावशाली बनाता है।