व्याकरण में, भाषा की सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अलंकारों का उपयोग किया जाता हैं। यमक अलंकार भी इन्हीं अलंकारों में से एक है। यमक शब्द का अर्थ होता है 'दो,' और जब किसी शब्द का प्रयोग बार-बार होता है और प्रत्येक बार उसका अर्थ अलग-अलग आता है, तो उसे यमक अलंकार कहते हैं। यह अलंकार भाषा को उत्साही बनाने और भावनाओं को व्यक्त करने में सहायक होता है।
इस लेख में हम यमक अलंकार की परिभाषा (Yamak Alankar ki Paribhasha) देखेंगे और यमक अलंकार के उदाहरण (Yamak Alankar ke Udaharan) द्वारा इसको और अच्छे से समझने का प्रयास करेंगे।
यमक अलंकार की परिभाषा - Yamak Alankar ki Paribhasha
सरल शब्दों में: यमक शब्द का अर्थ है दो। जब किसी एक ही शब्द का प्रयोग बार-बार होता है और प्रत्येक बार शब्द का अर्थ अलग-अलग आता है, तो वहां यमक अलंकार होता है।
यमक अलंकार के भेद - Yamak Alankar ke Bhed
1. अभंग पद यमक
जब किसी पद को बिना तोड़े-मरोड़े एक ही रूप में कई बार भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग किया जाता है, तो उसे अभंग पद यमक कहते है। इसमें शब्द को बार-बार प्रयोग करके अर्थ में विविधता उत्पन्न की जाती है।
उदाहरण:- जगती जगती की मुक प्यास। (इस उदाहरण में जगती शब्द का प्रयोग बिना थोड़े किया गया है, इसलिए यह अभंग पद यमक है।)
2. सभंग पद यमक
जब एक जैसे वर्ण समूह (पद) की आवृत्ति जोड़-तोड़कर प्रयोग की जाती है और उसे भिन्न-भिन्न अर्थों की प्रकृति होती है (अथवा वह निरर्थक होता है), तो उसे सभंग पद यमक होता है। इसमें शब्दों की पुनरावृत्ति से उनके भिन्न-भिन्न अर्थ प्रतिपादित होते हैं।
उदाहरण:- पास ही रे हीरे की खान, खोजता कहां और नादान? (यहां ही रे का कोई अर्थ नहीं है, यह बस एक प्रकार हुंकार है, वही हीरे का अर्थ है मोती)
यमक अलंकार के उदाहरण - Yamak Alankar ke Udaharan
यमक अलंकार के उदाहरण - Yamak Alankar ke Udaharan |
यमक अलंकार | व्याख्या |
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सपना रोज रात को सपना देखती है। | यहां एक सपना का अर्थ है किसी लड़की का नाम, वहीं दूसरा सपना का अर्थ है सपना देखना |
माला फेरत जग गया फिरा न मनका फेर, कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर। | यहां 'मनका' का अर्थ है माला के मोती, और 'मनका' का अर्थ है मन की भावनाओं |
कणक कणक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।। | यहां 'कणक' का अर्थ है स्वर्ण (सोना), वहीं 'कणक' का अर्थ है धतूरा |
कहे कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लीनी। रति रति सोभा सब, रति के सरीर की।। | यहां 'बेनी' का अर्थ है बेनी कवि का नाम, वहीं 'बेनी' का अर्थ है पर्वत शिखर। 'रति' का अर्थ है रद्दी भर (बहुत थोड़ा), वहीं 'रति' का अर्थ है कामदेव की पत्नी |
मुझे सजना के लिए सजना है। | यहां 'सजना' का अर्थ है प्रियतम (पति), वहीं 'सजना' का अर्थ है श्रृंगार |