आज के इस लेख में हम जानेंगे कि "भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ  (Bharat me Internet Patrakarita Kab Shuru Hua)"

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ?

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ
भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ 1990 के दशक के मध्य में हुआ। 1995 में, चेन्नई के द हिन्दू अखबार ने अपना इंटरनेट संस्करण लॉन्च किया। यह भारत का पहला पूर्ण-रूप से इंटरैक्टिव न्यूज़ वेबसाइट था। इसके बाद, अन्य प्रमुख समाचार पत्रों ने भी अपने इंटरनेट संस्करण लॉन्च करना शुरू कर दिया।

1998 तक, भारत में लगभग 48 समाचार पत्र ऑनलाइन हो चुके थे। इनमें से कई अंग्रेजी में थे, लेकिन अन्य भारतीय भाषाओं में भी थे। इस अनुक्रम में ब्लिट्ज, इंडिया टूडे, आउटलुक और द वीक भी इंटरनेट पर ऑनलाइन हो चुके थें।

इंटरनेट पत्रकारिता ने भारत में समाचारों की उपलब्धता और पहुंच को बढ़ा दिया है। यह लोगों को दुनिया भर के खबर चंद मिनटों में पहुंचा देता है, और यह पत्रकारों को अधिक नवीन और रचनात्मक सामग्री बनाने का अवसर देता है।

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता के कुछ प्रमुख विकासों में शामिल हैं:

  • 1995: द हिन्दू ने अपना इंटरनेट संस्करण लॉन्च किया।
  • 1998: भारत में लगभग 48 समाचार पत्र ऑनलाइन हो चुके थे।
  • 2000: कई नए ऑनलाइन समाचार वेबसाइटों की स्थापना हुई।
  • 2005: मोबाइल इंटरनेट की शुरुआत ने ऑनलाइन समाचारों की पहुंच को बढ़ाया।
  • 2010: सोशल मीडिया ने ऑनलाइन समाचारों के प्रसार को बढ़ावा दिया।
  • 2020: COVID-19 महामारी ने ऑनलाइन समाचारों की मांग को बढ़ा दिया।

आज, भारत में इंटरनेट पत्रकारिता एक प्रमुख शक्ति है। यह लोगों को दुनिया भर का न्यूज़ पहुँचाता है।

इंटरनेट पत्रकारिता की विशेषताएं

इंटरनेट पत्रकारिता की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. तेज अपडेट: इंटरनेट पत्रकारिता तेजी से घटनाओं की जानकारी और अपडेट प्रदान करती है, इससे उपयुक्त और ताजा जानकारी तुरंत प्राप्त होती है।

2. डिजिटल प्लेटफार्म: इंटरनेट पत्रकारिता डिजिटल प्लेटफार्म्स (वेबसाइट्स, ब्लॉग्स, सोशल मीडिया) का उपयोग करती है, जिससे विश्वभर में लोगों तक आसानी से पहुंच सकती है।

3. मल्टीमीडिया सामग्री: इंटरनेट पत्रकारिता में वीडियो, ऑडियो, फ़ोटोग्राफी, ग्राफ़िक्स, और इंफोग्राफ़िक्स का उपयोग होता हैं, जो जानकारी को सरल तरीके प्रदान करता है।

4. सोशल नेटवर्किंग: इंटरनेट पत्रकारिता सोशल मीडिया का बड़ा हिस्सा है और यहाँ पर लोग अपने विचार और जानकारी साझा कर सकते हैं और उनकी राय को सुना जा सकता है।

5. नागरिक रिपोर्टिंग: इंटरनेट पत्रकारिता का एक महत्वपूर्ण कार्य नागरिक रिपोर्टिंग है, जिसमें आम लोगों की आवश्यकताओं और मुद्दों को उचित तरीके से प्रकट किया जाता है।

इस प्रकार, इंटरनेट पत्रकारिता जानकारी प्राप्त करने के नए और सरल तरीके प्रदान किए हैं और लोगों को ताजा, सत्यापित अपडेट पहुंचाने में मदद करती है।

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता के दौर

पहला दौर (1995-2005): इस दौर में, भारत में इंटरनेट का उपयोग मुख्य रूप से अनुसंधान और शिक्षा के लिए किया जाता था। इस समय, कुछ प्रमुख समाचार पत्रों ने अपने इंटरनेट संस्करण शुरू किए, लेकिन वे अभी भी प्रिंट संस्करणों के पूरक के रूप में कार्य कर रहे थे।

दूसरा दौर (2005-2015): इस दौर में, भारत में इंटरनेट की पहुंच में तेजी से वृद्धि हुई। इस समय, कई नए ऑनलाइन समाचार पोर्टल और ब्लॉग शुरू हुए, जो प्रिंट और प्रसारण मीडिया के लिए एक प्रतिस्पर्धी चुनौती पेश करने लगे।

तीसरा दौर (2015-वर्तमान): इस दौर में, सोशल मीडिया ने इंटरनेट पत्रकारिता में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने पत्रकारों को एक बड़े दर्शकों तक पहुंचने और समाचारों को तेजी से वितरित करने की अनुमति दी है।

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अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का कौन सा दौर चल रहा है?

वर्तमान में, भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर चल रहा है। इस दौर में, सोशल मीडिया ने इंटरनेट पत्रकारिता में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने पत्रकारों को एक बड़े दर्शकों तक पहुंचने और समाचारों को तेजी से वितरित करने की अनुमति दी है।

भारत में इंटरनेट का पहला दौर कब शुरू हुआ?

भारत में इंटरनेट का पहला दौर 1989 में शुरू हुआ, जब विदेश संचार निगम लिमिटेड (एफसीसीएल) ने आम जनता के लिए इंटरनेट सेवा शुरू की। इस समय, भारत में इंटरनेट का उपयोग मुख्य रूप से अनुसंधान और शिक्षा के लिए किया जाता था।

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर कब शुरू हुआ?

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर 1995 में शुरू हुआ, जब द हिंदू ने अपना इंटरनेट संस्करण शुरू किया। इस समय, कुछ प्रमुख समाचार पत्रों ने अपने इंटरनेट संस्करण शुरू किए, लेकिन वे प्रिंट संस्करणों के पूरक के रूप में कार्य कर रहे थे।

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का दूसरा दौर कब शुरू हुआ?

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का दूसरा दौर 2005 में शुरू हुआ, जब भारत में इंटरनेट की पहुंच में तेजी से वृद्धि हुई। इस समय, कई नए ऑनलाइन समाचार पोर्टल और ब्लॉग शुरू हुए, जो प्रिंट और प्रसारण मीडिया के लिए एक प्रतिस्पर्धी चुनौती पेश करने लगे।