म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन तरीका हो सकता है जिससे आप घर बैठे, लॉन्ग टर्म में आसानी से पैसे कमा सकते हैं। बस जरुरत है तो इसके बारे में थोड़े से अनुभव और नॉलेज की। म्यूचुअल फंड से सम्बंधित सवालों में से एक महत्वपूर्ण सवाल यह हैं कि म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है? अगर आप भी इस सवाल का उत्तर जानना चाहते हैं तो आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़ें।
म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है?
म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है - Mutual Fund Return in Hindi |
म्यूचुअल फंड में ब्याज नहीं मिलता, बल्कि रिटर्न (Return) मिलता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निवेशक को जो लाभ प्राप्त है, उसे रिटर्न कहते हैं। रिटर्न का मतलब है कि निवेश की गई अमाउंट में कितना प्रॉफिट हुआ है। भारत में, पिछले कुछ वर्षों में, म्यूचुअल फंड का औसत रिटर्न 10-12% प्रति वर्ष रहा है। हालांकि, यह रिटर्न पिछले कुछ वर्षों का औसत मान है। भविष्य में रिटर्न का स्तर कम या ज्यादा हो सकता है।
म्यूचुअल फंड के रिटर्न को प्रभावित करने वाले कारक
म्यूचुअल फंड का रिटर्न कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:
- म्यूचुअल फंड का प्रकार
- म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो
- म्यूचुअल फंड का मैनेजर
- बाजार की स्थिति
1. म्यूचुअल फंड का प्रकार:
म्यूच्यूअल फंड एक बड़ी विभाग हैं, जिनको सामान्यतः तीन तरह के ग्रुप में बांटा जा सकता हैं - स्मॉल कैप, मिड कैप और लार्ज कैप। अलग अलग टाइप के म्यूचुअल फंड, निवेशकों को अलग-अलग लेवल के रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।
2. म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो:
म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो की समझ भी बहुत जरुरी है। किसी फंड का पोर्टफोलियो अलग-अलग निवेशों में कितना बांटा गया है, इससे उसका फंड का रिटर्न प्रभावित हो सकता है।
3. म्यूचुअल फंड का मैनेजर:
फंड मैनेजर के बारे में जानना, अवश्यक है, क्योंकि उनके प्लान और निवेश क्षमता से फंड का रिटर्न सीधे प्रभावित होता है। अगर मैनेजर का इन्वेस्टमेंट पर्सपेक्टिव, उनकी पहले की एक्सपीरियंस और निवेश स्ट्रैटेजी सही होती है, तो रिटर्न में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
4. बाजार की स्थिति:
बाजार की स्थिति भी म्यूचुअल फंड के रिटर्न को प्रभावित कर सकती है। बाजार की करंट स्टेटस, निफ़्टी या सेंसेक्स के परिस्थितियों, और अन्य इकॉनोमिक फैक्टर के आधार पर रिटर्न में बदलाव हो सकता है।
इन कारकों के मिलने से ही म्यूचुअल फंड का रिटर्न निर्धारित होता है, और निवेशकों को चाहिए कि वे अपने निवेश के लिए उचित प्रकार के म्यूचुअल फंड का चुनाव करें।
म्यूचुअल फंड के प्रकार के अनुसार, फंड का रिटर्न भी अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, स्मॉल कैप फंड में आमतौर पर लार्ज कैप फंड की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता है। म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो भी रिटर्न को प्रभावित करता है। अगर पोर्टफोलियो में ज्यादा रिस्क वाले निवेश शामिल हैं, तो फंड का रिटर्न भी अधिक हो सकता है। म्यूचुअल फंड का मैनेजर भी रिटर्न को प्रभावित कर सकता है। एक अनुभवी और स्किल्ड मैनेजर बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में हेल्प कर सकता है। बाजार की स्थिति भी रिटर्न को प्रभावित करती है। अगर बाजार में तेजी है, तो रिटर्न भी अधिक हो सकता है।
Mutual Fund Return (FAQs)
- SBI Small Cap Fund
- ICICI Prudential Small Cap Fund
- HDFC Small Cap Fund
- Reliance Small Cap Fund
- एसबीआई इक्विटी फंड: 1 साल में 15%, 5 साल में 20%
- एसबीआई डेट फंड: 1 साल में 7%, 5 साल में 9%
समापन
म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले, यह कन्फर्म करना जरुरी है कि आप रिटर्न के बारे में अच्छी तरह से समझते हैं। रिटर्न एक बदलती मूल्य है, और यह गारंटी नहीं है कि आपको इतना रिटर्न मिलेगा। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता को इग्नोर न करें।
आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है, यानी की म्यूचुअल फंड में कितना रिटर्न मिलता है? आशा करते है कि आज का यह आर्टिकल आपको पसंद आया और आपने इससे कुछ नया जरुर सिखा।
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